Tuesday, 27 March 2012

दिल्ली मे गोली बारी की घटना और राष्ट्रमंडल खेल



दिल्ली मे अब जब की राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में कुछ ही समय रह गया है ऐसे में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के निकट विदेशी सैलानियों पर किए गए हमले ने राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन पर संदेह स्थापित कर दिया है . दूसरी ओर दिल्ली पुलिस का कहना है की इसमें किसी आतंकवादी संगठन का हाथ नहीं है. इस गोलीबारी के हादसे मे ताइवान के दो पर्यटक घायल हो गए थे. हमले के बाद इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकवादी संगठन की ओर से पुलिस को एक ईमेल भेजा गया था, जिसमे हमले की जिम्मेदारी ली गई थी. पुलिस की जाँच से पता चला की ये ईमेल मुंबई के बोरिवली से भेजा गया था.पुलिस ने तुरंत कारवाई करते हुए मुंबई से दो संदिग्ध लोगों को हिरासत मे लिया है. दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने आज कहा है की जमा मस्जिद फाइरिंग में किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं किया गया है. भारत के गृह मंत्री श्री पी चिदंबरम ने इस हमले के बाद जामा मस्जिद छेत्र का दौरा किया था तथा शांति बनाये रखने को कहा था.
भारत मे राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन हमारे देश के लिए एक सम्मान की बात है और ऐसे मे इस तरह के हमले कर के आतंकवादी कया साबित करना चाहते हैं कि वो अपनी इस तरह कि नापाक कोशिशों में कामयाब होजाएंगे.  ऐसे मे आम लोगों को बहुत सतर्क रहना चाहिए तथा इनके घृणास्पद प्रयासों को नाकाम बना देना चाहिए. कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घपले की बातें मीडिया में फैली थीं और अब ये आतंकी हमलो ने दिल्ली को एकबार फिर विचलित कर दिया है. हालांकि इस हमले मे कोई पर्यटक मरा नहीं है लेकिन फिर भी इस तरह के हमले ने राष्ट्रमंडल खेलों मे भाग लेने के लिए आने वाले खिलाड़ियों की सुरक्षा पर प्रशन चिन्ह लगा दिया है. राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों ने ये कहा है कि इस से खेलों के आयोजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन ये बात भी बहुत आवशयक है कि खेलों के आयोजन से पहले इस तरह के हमले नहीं होने चाहिए. हमें भारत मे जहाँ इस तरह के खेलों के आयोजन का गौरव प्राप्त हुआ है वहीं कुछ आतंकी लोग भारत की गरिमा और इसकी शांति को भंग करने मे व्यस्त हैं.
ये बात भी सत्य है की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और दिल्ली पुलिस ने भी इसके पीछे कुछ शरारती तत्वो के शामिल होने की आशंका जताई थी. लेकिन बाद मे संदेह का घेरा इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकवादी संगठन की ओर घूम गया. ये संगठन पहले भी आतंकवादी हमलों और अपनी गतिविधियों के कारण चर्चा मे रहा है. समाचारों में ये कहा गया कि हमला बटला हाउस इन्काउन्टर का बदला हो सकता है. अगर थोड़ी देर के लिए ये मान भी लिया जाए तो इसमें पुलिस कि चूक भी सामने आती है,पुलिस को ये पता था कि बटला हाउस इन्काउन्टर का मामला कितना संवेदनशील है इसलिये पुलिस को चाहिए था वह दिल्ली को छावनी में तब्दील करदेती, तो इस तरह कि घटना का होना असंभव था, ये दिल्ली के लिए अच्छी बात है कि कोई बड़ी घटना नहीं घटी. इस घटना के कुछ देर बाद ही वहाँ खड़ी कि गई एक कार में आग लग गई तथा समय से पहले ही एक बड़ा धमाका होने से रह गया. छानबीन  से पता चला कि  कार मे एक बम रखा गया था तथा इस प्रकार के ही विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग सरोजिनी नगर,पहाड़ गंज,मक्का मस्जिद,समझौता एक्स्प्रेस,मालेगाँव,अजमेर शरीफ दरगाह तथा उत्तर प्रदेश की अदालत मे किए गए धमाके में भी किया गया था. इसलिये इस हमले और कार मे लगाये गए टाइम बम के पीछे इंडियन मुजाहिदीन के साथ साथ कुछ दूसरे कट्टरपंथी संगठनों के हाथो के होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. अभी दो इन बाद ही बाबरी मस्जिद, राम जन्म भूमि मुक़दमे का फैसला आने वाला है ऐसे मे दिल्ली की शांति को भंग करने की ये कोशिश भी हो सकती है.
दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन को लेकर दिल्ली सरकार काफी परेशान है और हर दूसरे दिन ही निर्माण-कार्य  में की गई गड़बड़ी की बातें सामने आरही हैं. इधर लगातार होरही बारिश ने भी खेलों के आयोजन में काफी परेशानी खड़ी कर दी है. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के निकट पुल के छ्तिग्रस्त होने से 23 मजदूर घायल होगए, जबकि प्रधानमंत्री ने खेलों के आयोजन  पर गंभीरता जताई है, तथा निर्माण कार्य को जल्दी पूरा करने को कहा है. खेलों की आयोजक कमिटी के जेनरल सेक्रेटरी श्री ललित भानोट ने  कहा है की हम  खेलों के आयोजन से पहले ही सारे निर्माण कारी पूरा कर लेंगे और सभी स्थानों पर सफ़ाई-सुथराई का काम 3 अक्तुबर से पहले पूरा कर लिया जाएगा.
एक ओर जहाँ दिल्ली मे इन खेलों के आयोजन को लेकर अब भी संदेह की स्थिति बनी हुई है  वहीं दूसरी ओर जामा मस्जिद के समीप गोलीबारी जैसी घटना से दिल्ली पुलिस की नींद उड़ गई है. अब इस हालत मे सभी दिल्लीवासियों को चाहिए कि वो संयम बनाये रखें और किसी भी परकार के संदेहात्मक तत्वों को देखें तो तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचना दें. आवशयकता इस बात की है की इस तरह की किसी भी कोशिश को नाकाम बना दिया जाए और भारत की गरिमा और शांति को और भी बेहतर बनाया जाए. दिल्ली पुलिस को चाहिए की वो राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करे जिस से इस तरह की कोई भी कोशिश पूरी न हो सके.

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